'अंगिका शतक भजनमाला ' से पहले ऐसी कोई पुस्तक नहीं देखी गयी थी , जिसमें संत और भक्त कवियों के केवल अंगिका पद ही संकलित किये गये हों ।इस पुस्तक को देखकर अंगिका भाषी भक्तों को अत्यन्त हर्ष होगा और वे इसे अपनाकर इससे आध्यात्मिक लाभ उठाएँगे - ऐसा विश्वास है ।जय गुरु ! 78 पृष्ठों की छोटी-सी इस पुस्तिका में 162 भजनों का संकलन किया गया है और सहयोग राशि मात्र ₹20 रखा गया है।