इस पुस्तक में सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के सम्मान के बारे में और इनके साहित्य, ज्ञान, उपदेश इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई है। इस पुस्तक के मूल्य को सत्संग-ध्यान के प्रचार-प्रसार और ध्यानाभ्यास के लिए खर्च किया जाएगा। अतः निश्चित राशि से ज्यादा भी दान दे सकते हैं।