HomeOS09 स्वरूप भजनावली (MP) || स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की निज रचना सहित भक्ति, bhajan, bhakti geet, Santvani bhajano, का संग्रह
OS09 स्वरूप भजनावली (MP)  ||  स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की निज रचना सहित भक्ति, bhajan, bhakti geet, Santvani bhajano, का संग्रह
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OS09 स्वरूप भजनावली (MP) || स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की निज रचना सहित भक्ति, bhajan, bhakti geet, Santvani bhajano, का संग्रह

 
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Product Description

साध शब्द सो मिलि रहे , मन राखे विलमाय । साध शब्द बिन क्यों रहे , त्यों ही बोखरि जाय ॥ इस संतवाणी के अनुसार शब्द के द्वारा ही मन ठहराया जा सकता है । इसके अभाव में मन का बिखराव होता ही है । अतएव साधक सद्ज्ञान के सागर संतवाणी में मन को सराबोर कर ठहराये रहते हैं । पूज्य ब्रह्मलीन बजरंगी ( गुरुजी ) बाबा की कॉपी में “ वैराग्य संदीपनी " रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास के संतों के स्वभाव का वर्णन के कुछ दोहे मुझे मिले थे । ये मुझे बहुत पसंद आये | थे । इसी तरह कबीर पंथ की धनी धर्मदासजी की “ ज्ञान गुदड़ी " , संत पलटू साहब , संत तुलसी साहब , संत राधा स्वामीजी के सुन्दर भजन मुझे भाये । ये रहनी , वैराग्य , साधन , विनय , आदर्श से संबन्धित हैं । संतमत की दैनिक स्तुति - प्रार्थना आदि को मिलाकर एक छोटा संकलन यह प्रस्तुत है । पृष्ठ 57, सहयोग राशि १५/- डाकखर्च अलग से।

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