पूज्यपाद भगीरथ बाबा के शब्दों में "सत्संग - प्रेमियों के कहने पर मैंने कुछ संस्मरण लिखना प्रारंभ किया । इसके साथ - साथ महर्षि मेंहीं आश्रम , कुणाघाट का से संबंधित कुछ प्रारंभिक बातों को और पूज्य गुरुदेन की संक्षिप्त जीवनी को भी लिखा । इस पुस्तक में पूज्य गुरुदेव की डायरी से उनके हस्तलिखित संत - महापुरुषों की जीवनी को भी सबके पढ़ने , समझने योग्य बनाने के लिए उसे भारती अंकन रूप एवं कठिन शब्दों को सरल रूप में दिया गया है तथा इस पुस्तक का नाम ‘' प्रेरक संत संस्मरण '' रखा गया है । मैं पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना करता हूँ । कि इस पुस्तक के अध्ययन से पाठकों को अवश्य आध्यात्मिक लाभ हो ।" --13-08-2018 ई. । बढ़िया कागज़ एवं कूट की लेमिनेशन युक्त (पुस्तकालय संस्करण) वाली कवर के साथ मात्र 399/- रु. की सहयोग राशि पर 612 पृष्ठ की पुस्तक।