सत्संग की महिमा, इसमें वेद-उपनिषद् ,गीता-रामायण,श्रीमद्भागवत महापुराण-महाभारत,रामचरितमानस (दोहा,चौपाई,सोरठा), संतवाणी आदि ग्रंथों से रहस्यमय ज्ञानवर्द्धक एवं शिक्षाप्रद वाणियों का अपूर्व संकलन है।
सत्संग की महिमा का माहात्म्य वाणी द्वारा वर्णन करने की किसी में भी सामर्थ्यता नहीं है । क्योंकि यह एक परम रहस्यमय सत्संग की महिमा है । इस पुस्तक में संक्षिप्त सत्संग की महिमा के वर्णन के साथ - साथ अमृत की महिमा का वर्णन एवं संतों की महिमा का वर्णन भी किया गया है । इस पुस्तक में वेद , उपनिषद् , गीता , रामायण , श्रीमद्भागवत महापुराण , महाभारत , पुराण , रामचरितमानस ( दोहा , चौपाई , सोरठा ) , संतवाणी आदि ग्रंथों से ज्ञानवर्द्धक एवं शिक्षाप्रद वाणियों का अपूर्व संकलन सार - सार रूप में किया गया है । भगवान् श्रीकृष्ण ने उद्धवजी को सत्संग की महिमा का वर्णन कर जो समझाया है , वह भी इस पुस्तक में दिया गया है । सत्संग - योग से भी इस विषय से संबंधित श्लोकों को लिया है । संस्कृत का श्लोक इतना सुन्दर और सरल है कि थोड़ा - सा अभ्यास करने से मनुष्य उसको सहज ही पढ़कर समझा जा सकता है ।