इन कथाओं को पढ़ने पर पता चलता है कि गुरुदेव ने महाभारत, रामायण, रामचरितमानस, पुराण, श्रीमद्भागवत, उपनिषद्, योगवाशिष्ठ, पंचतंत्र, हितोपदेश, गुलिस्तां, (शेख सादी), धम्मपद आदि की कथाएं और भारत का इतिहास तथा भक्तों के चरित्र पढें-सुने हैं। इस कथा-संकलन के बारे में यदि कहा जाए कि इसमें गुरुदेव के अब तक के प्रकाशित समस्त प्रवचनों की मिठास निचुड़कर आ गई है, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । ---छोटेलाल दास