संतमत की कई पुस्तकों में गुरुमहाराज के अदभुत संस्मरण को यत्र - तत्र प्रकाशित भी पाया । कुछ पुस्तकों के अध्ययन करने पर मेरे मन पर विशेष प्रभाव पड़ा । अत : मुझे लगा - यदि अधिक - से - अधि क संस्मरणों को संग्रह कर पुस्तक का एक वृहद रूप दिया जाय तो पाठकों को सरलतापूर्वक ढेड सारा संस्मरण एक साथ पढ़ने को मिल जाएगा । अतः मैंने संस्मरण संग्रह कर पाठकों के बीच महर्षि मेंहीं अदभुत चमत्कार " नामक पुस्तक प्रस्तुत किया । गुरुमहाराज का चमत्कार- कोई खेल , तमाशा दिखाने जैसा नहीं है । उन्होंने संतमत की सार साधना से अपने को आत्मस्वरूप में स्थित कर लिया था । उन्हीं शक्ति का प्रस्फुटित रूप चमत्कार है । गुरुमहाराज ने चमत्कार ' के विषय में कहा है- " सदाचार पालन ही चमत्कार है । सिद्धि से बढ़कर शुद्धाचरण है । रावण ने बहुत चमत्कार दिखाया , लेकिन उसका नाम दुष्टों के लिस्ट ( सूची ) में है । तब के और अब के साधु सिद्धि बगेरह दिखाए हैं और नीचे भी गिरे हैं । * सदाचार के पालन में मजबूत होना , सरल नहीं है और जो मजबूत है वह छिपता नहीं है । "* 228 पेज की पुस्तक का मूल्य मात्र ₹180/- है।